#8_हजार_राजपूत_सैनिकों_ने_लड़ा_80_हजार_की_विशाल और शक्तिशाली शाही सेना से युद्ध, मालदेव राठौड़ की सेना से शेरशाह सूरी की उस 80 हजार की विशाल सेना को #भारी_शिकस्त_खानी_पड़ी ....
मारवाड़ जोधपुर के राव मालदेव राठौड़, इन्हीं के प्रधान सेनापति जेता जी और कुंपा जी जिन्होंने शेरशाह सूरी को भारी शिकस्त दी, जिसके बाद शेरशाह सूरी ने कहा था कि मैं मुठ्ठी भर बाजरे के लिए हिन्दुस्तान की सल्तनत खो देता ....
शेरशाह सूरी ने राव मालदेव को हराने के लिए एक कूटनीतिक चाल खेल अपने भेदियों के मार्फत राव मालदेव और उसके प्रधान सेनानायकों बीच संदेह का भ्रम फैलाया जिसमें शेरशाह सूरी सफल रहा, जिसके फलस्वरूप राव मालदेव ने अपने सेनानायकों पर शेरशाह सूरी से मिली भगत का संदेह करते हुए उस युद्ध से घबरा कर पलायन कर दिया, जिसके बाद राव मालदेव के प्रधान सेनापति राव जेताजी और राव कुंपाजी जी ने अपनी स्वामिभक्ति और राज्य निष्ठा सिद्ध करते हुए शेरशाह सूरी की उस शक्तिशाली शाही सेना को भारी शिकस्त देते हुए उस महायुद्ध में वीरता पूर्वक बलिदान हुए ।
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ठाकुरों का इतिहास गवाह है।