पाकिस्तान की आधी जीडीपी के बराबर है मुकेश अंबानी का साम्राज्य

*पाकिस्तान की आधी GDP के बराबर है मुकेश अंबानी की RIL, वर्ल्ड की टॉप-10 कंपनियों में हुई शामिल*
म्स््


एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी की
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) देश की पहली कंपनी है जिसका मार्केट कैप गुरुवार को 10 लाख करोड़ को पार कर गया। RIL अब इतनी बड़ी कंपनी बन चुकी है कि इसकी वैल्यू पाकिस्तान की आधी जीडीपी के बराबर है। पाकिस्तान की कुल जीडीपी करीब 23 लाख करोड़ रुपये है।
भारत की जीडीपी से मुकाबला करें तो यह करीब 5.26 फीसदी है। भारत की कुल जीडीपी 190 लाख करोड़ रुपये है। विश्व में 156 ऐसे देश हैं, जिनकी जीडीपी आरआईएल से कम है। पिछले 30 सालों में कंपनी की मार्केट वैल्यू में 60 हजार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
अगस्त 2005 में कंपनी का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये था। 14 सालों में मार्केट कैप 10 गुना हो गया। 1 लाख करोड़ से 5 लाख करोड़ की कंपनी बनने में आरआईएल को 12 सालों का वक्त लग गया। जुलाई 2017 में इसकी मार्केट वैल्यू 5 लाख करोड़ रुपये हुई। पिछले दो सालों में इसकी मार्कैट वैल्यू दोगुना हो गई। वर्तमान में मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 61 अरब डॉलर है, जबकि 2017 में उनकी कुल संपत्ति 23 अरब डॉलर थी।


अभी भी रिलायंस इंडस्ट्रीज को लंबा सफर तय करना है। मार्केट कैप के लिहाज से विश्व में यह टॉप-10 कंपनियों में नौवें स्थान पर है। वैल्यू की लिहाज से सऊदी अरामको 1700 अरब डॉलर के साथ विश्व की सबसे बड़ी कंपनी है। दूसरे नंबर पर ऐपल है जिसकी वैल्यू 1190 अरब डॉलर है, तीसरे नंबर पर माइक्रोसॉफ्ट है जिसकी वैल्यू 1162 अरब डॉलर है। नौवें नंबर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 140 अरब डॉलर है और आठवें नंबर पर Chevron है, जिसका मार्केट कैप 223 अरब डॉलर है।
वैल्यू की लिहाज से 7.8 लाख करोड़ वाली टीसीएस दूसरे नंबर पर, 6.9 लाख करोड़ की वैल्यू के साथ एचडीएफसी बैंक तीसरे नंबर पर, 4.5 लाख करोड़ वैल्यू के साथ हिन्दुस्तान यूनिलिवर चौथे नंबर पर और एचडीएफसी 3.9 लाख करोड़ की वैल्यू के साथ पांचवें नंबर पर है। दसवें नंबर पर इन्फोसिस है, जिसका मार्केट कैप 2.9 लाख करोड़ रुपये है। टॉप-10 में एकमात्र सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक SBI है, जिसका मार्केट कैप 3.1 लाख करोड़ रुपये है और यह सातवें नंबर पर है।
ग्रोथ के लिए कर्ज
कंपनी ने ग्रोथ के लिए कर्ज का इस्तेमाल किया। कई बार निवेशक इससे चिंतित भी हुए। वित्त वर्ष 2009 में कंपनी पर कंसॉलिडेटेड डेट (ग्रुप स्तर पर एकीकृत कर्ज) 72,256 करोड़ रुपये था, जो 277 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ इस साल 31 मार्च तक 2.87 लाख करोड़ रुपये हो गया था। कंपनी ने इसे घटाने का वादा किया है। उसने कहा है कि वह 2021 तक कर्जमुक्त हो जाएगी। रिलायंस के शानदार प्रदर्शन की वजह से ग्लोबल-विदेशी ब्रोकरेज फर्म इसके शेयर पर बुलिश हैं। इस साल अब तक कंपनी के शेयर प्राइस में 40 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है।
एनर्जी से लेकर टेलिकॉम का कारोबार करने वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) गुरुवार को 10 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण (MCAP) वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई। इस मुकाम तक पहुंचने में कंपनी को 30 साल लगे। सबसे बड़ी बात यह है कि रिलायंस को भारत की सबसे बड़ी कंपनी बनने में सबसे ज्यादा मदद इसकी तत्परता और समय के साथ बदलने की क्षमता से मिली है। बीते तीन दशक में कपड़े की फैक्ट्री से इसने ऊर्जा क्षेत्र की एक दिग्गज कंपनी बनने तक का सफर तय किया है और इसके बाद उपभोक्ताओं के रुझानों को भांपते हुए डिजिटल और रिटेल सेगमेंट में भारी-भरकम निवेश कर कदम रखा है।
*1991 के बाद वैल्यूएशन 60,742 गुना बढ़ा*
निवेशकों ने भी कंपनी के विजन पर आंख मूंदकर भरोसा जताया और सदा इसका समर्थन किया, जिसकी बदौलत जनवरी 1991 के बाद इसका वैल्यूएशन 60,742 गुना बढ़ गया। इस अवधि में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयरों की कीमत 14,200 फीसदी से ज्यादा बढ़ी।
पढ़ें : RIL ने रचा इतिहास, 10 लाख करोड़ की कंपनी हुई रिलायंस इंडस्ट्रीज
*इंटरनैशनल रेटिंग पाने वाली पहली देसी कंपनी*
इस अवधि में कंपनी ने कई मुकाम हासिल किए। एसऐंडपी तथा मूडीज द्वारा रेटिंग पाने वाली भारत की यह पहली कंपनी बनी। यही नहीं, 2019 में तिमाही आधार पर 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा पाने वाली कंपनी का तमगा भी अपने नाम किया, जिसके बाद यह 10 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है। इस सफर में कंपनी ने कई मुकाम हासिल किए।
*तमाम कंपनियों को भारी अंतर से पछाड़ा*
2 जनवरी, 1991 से लेकर 29 नवंबर, 2019 के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बाजार पूंजीकरण में 600 गुना से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसी अवधि में एलऐंडटी, अशोक लेलैंड, टाटा स्टील, सीएट टालब्रोस ऑटोमोटिव कंपोनेंट, फेडरल-मुगल सागर सीमेंट तथा इंटरनैशनल पेपर APPM जैसी दिग्गज कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 15 गुना से लेकर 205 गुना तक बढ़ा है।
आरआईएल ने 2009 के बाद से ही मुनाफे में वृद्धि का सिलसिला शुरू कर दिया था।


*कंपनी पर 2.87 लाख करोड़ का कर्ज*
कंपनी के ग्रोथ में कर्ज की बड़ी हिस्सेदारी है, जिसके कारण अक्सर निवेशक चिंता जताते रहे हैं। 31 मार्च, 2019 को इसका समेकित कर्ज 277 फीसदी बढ़कर 2.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2009 में 72,256 करोड़ रुपये था। हालांकि, कंपनी ने साल 2021 तक अपने कर्ज को शून्य करने का संकल्प लिया है। कंपनी पर भारी-भरकम कर्ज के बावजूद विदेशी के साथ-साथ घरेलू ब्रोकरेज कंपनियां इसकी उन्नति के प्रति आशान्वित हैं।


Popular posts
गरीबों का खाना बांटने ( समाजसेवा) के नाम पर ब्लाक प्रमुख मंटू सिंह कर रहा था शराब की अवैध तस्करी#जनपद देवरिया
Image
रीलेक्सो टीम हुई विजयी ।
गोरखपुर के लोग ले रहे हैं तुर्की की प्याज का स्वाद
Image
नगर पालिका अध्यक्ष अलका सिंह # गरीबों की मसीहा#कठिन परिस्थितियों में है देश के साथ
Image
   घर बैठे ऑनलाइन क्लास के जरिये अपना भविष्य सवार रहे सूर्या एकेडमी के बच्चेl उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर सूया एकेडमी
Image