मुख्यमंत्री का गृह जनपद गोरखपुर @ बाल विकास पुष्टाहार के अधिकारी (CDPO )ही बदनाम कर रहे विभाग को एवं मुख्यमंत्री की छवि को

अश्वघोष संवाददाता घघसरा बाजार @ रवि प्रकाश ओझा @ माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ जी का गृह जनपद गोरखपुर । जहां पर विकास की एवं योजनाओं की भरमार है। वहीं पर गोरखपुर जनपद के सहजनवा तहसील के पाली ब्लाक के अंतर्गत महिलाओं की योजनाओं पर ग्रहण लग गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के लिए महिलाओं एवं बच्चों के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाओं का ध्यान रखते हुए उनके पोषण का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। लेकिन पाली ब्लाक के अंतर्गत दर्जनों गांव में बाल विकास एवं पुष्टाहार के नाम पर सिर्फ कागजों में ही सिमट गई है योजनाएं । बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से पुष्टाहार  बेच दिया जाता है। ब्लॉक लेवल के अधिकारियों से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा किया। ब्लॉक के अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ मुख्यालय से ही पुष्टाहार कम भेजे जाते हैं। जिसकी वजह से ग्राम सभा के सभी गर्भवती महिलाएं एवं बच्चों को उपलब्ध नहीं हो पाता है। जब हमने प्रदेश की राजधानी लखनऊ की बाल विकास पुष्टाहार कि मंत्री श्रीमती स्वाति सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के किसी भी जनपद में ऐसा नहीं है सभी जगहों पर पर्याप्त मात्रा में पुष्टाहार की सप्लाई होती है। और यदि माननीय मुख्यमंत्री जी के जनपद में ऐसी शिकायत है तो उसकी जांच करा कर अति शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।


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*उमरिया प्रधानाचार्य तीन दिनों में प्रस्तुत करें शैक्षिक अहर्ता प्रमाण पत्र: डीआईओएस* -जिला विद्यालय निरीक्षक के पत्र से मचा हड़कम्प, जबाब देना हुआ मुश्किल ◼️◼️◼️ धनघटा(सन्तकबीरनगर) वरिष्ठता को दरकिनार कर कनिष्ठ व्यक्ति को पदभार दिए जाने को लेकर उमरिया बाजार इंटर कालेज ,उमरिया बाजार में प्रधानाचार्य पद का मामला गहराता जा रहा है। जिला विद्यालय निरीक्षक गिरीश कुमार सिंह ने प्रधानाचार्य को नोटिस भेजकर तीन दिनों के अंदर प्रधानाध्यापक की अहर्ता से सम्बंधित समस्त शैक्षिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का फरमान जारी किया है, जिससे विद्यालय में हड़कंप मच गया है। बतातें चले कि विद्यालय में उमरिया बाजार इंटर कालेज में 31 मार्च 2020 को प्रधानाचार्य जय चन्द्र यादव के सेवानिवृत्त से रिक्त पद पर नियमानुसार विद्यालय के वरिष्ठ व अहर्ताधारी शिक्षक लाल चन्द्र यादव को तदर्थ प्रधानाचार्य का पदभार दिया जाना चाहिए था, किन्तु प्रबन्धक ने तथ्य गोपन व मनमानी करके कनिष्ठ शिक्षक राधेश्याम यादव को पदभार दे दिया, जिसको मान्यता देते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक ने हस्ताक्षर भी प्रमाणित कर दिया। मामले की शिकायत छपरा निवासी सतेंद्र कुमार यादव ने जिला विद्यालय निरीक्षक से किया था। शिकायती पत्र में साक्ष्य के साथ अवगत कराया गया है कि प्रधानाचार्य स्नातक प्रथम वर्ष व बॉम्बे आर्ट का प्रशिक्षण संस्थागत छात्र के रूप में एक ही शैक्षिक सत्र वर्ष 1983 में हासिल किया है, जो विभागीय नियमों के विपरीत है। वे इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट के अनुसार प्रधानाचार्य पद की निर्धारित अहर्ता भी पूरी नही करते हैं, अर्थात बीएड प्रशिक्षित भी नही है। वे प्रबन्धक द्वारा जारी विद्यालय की जेष्ठता सूची, जिसे संयुक्त शिक्षा निदेशक ने भी प्रमाणिक माना है, के अनुसार भी वरिष्ठ नही है। शिक्षक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी व उमरिया इंटर कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य पारसनाथ यादव, जय चन्द्र यादव ने भी कहा है कि प्रधानाचार्य का पद वरिष्ठ व योग्य शिक्षक को दिया जाना चाहिए, जिला विद्यालय निरीक्षक का निर्णय स्वागत योग्य हैं। *किसी भी शिक्षक के साथ अन्याय नही होने देंगे: संजय द्विवेदी* ◾◾◾ सन्तकबीरनगर। प्रकरण के वावत पूछने पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के मण्डलीय मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा कि नियमानुसार वरिष्ठ व अहर्ताधारी शिक्षक को ही प्रधानाचार्य का पदभार दिया जाना चाहिए था, किन्तु ऐसा किया नही गया। हम जनपद में किसी भी शिक्षक के साथ अन्याय नही होने देंगे। प्रधानाचार्य का पदभार उसी को मिलेगा, जिसका हक होगा।
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