मुख्यमंत्री का शहर जनपद गोरखपुर # दबंगअधीक्षक की दबंग कहानी#दलालों का अड्डा बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठर्रापार घघसरा बाजार।

पी.के.सिंह  (राष्ट्रपति पुरस्कृत - वरिष्ठ पत्रकार ) /प्रभारी उत्तर प्रदेश @ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठर्रापार बना दलालों का अड्डा। देश के सबसे बड़ा प्रदेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज के गृह जनपद गोरखपुर के सहजनवा तहसील के अंतर्गत पाली ब्लॉक में चर्चित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठर्रापार घघसरा बाजार स्वास्थ्य विभाग के दलालों का अड्डा बन चुका है। आपको बताते चलें कि विगत कई वर्षों से तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक सी. पी. मिश्रा अपने तानाशाही के बल पर तैनात है। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर प्राइवेट प्रैक्टिस का खेल जोरों पर चिकित्सा अधीक्षक के द्वारा किया जाता है। अस्पताल के बाहर 100 मीटर की दूरी के अंतर पर दर्जनों अवैध मेडिकल स्टोर एवं पैथोलॉजी सेंटर संचालित होते हैं अधीक्षक के  इशारे पर। इन पैथोलॉजीयों का 70% कमीशन सामुदायिक स्वास्थ्य अधीक्षक को जाता है। खुद अधीक्षक अस्पताल से 100 मीटर की दूरी पर प्राइवेट प्रैक्टिस करते नजर आते हैं। अस्पताल में मरीजों को देखने के बजाय पर्चे पर पर अपना नंबर लिखकर मरीजों को बताते हैं कि बाहर में बैठता हूं वहां पर आ जाना। वहां पर अच्छी दवा हो जाएगी अस्पताल में  अच्छी दवाइयां उपलब्ध नहीं है। अस्पताल की दवाइयों को मरीजों को नहीं दिया जाता है। धड़ल्ले से एक पर्ची में लिखकर मरीज को थमा दिया जाता है और बता दिया जाता है बाहर की मेडिकल स्टोर पर यह दवाई उपलब्ध है। कब तक चलता रहेगा ऐसा रामराज। जहां पर देश के प्रधानमंत्री ने कोविड-19 में डॉक्टरों को भगवान की संज्ञा देकर सम्मानित किया जा रहा है वहीं पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधीक्षक सी पी मिश्रा के द्वारा ग्रामीण मरीजों को बेवकूफ बनाकर धन उगाही की जा रही है। गोरखपुर जनपद के ग्रामीण अंचल में बसा हुआ पाली ब्लॉक जहां पर बीजेपी के समर्थकों ने जोर शोर से अपना वोट देकर माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज को सुबे का मुख्यमंत्री बनाया है। वहीं पर शोषण के शिकार हो रहे हैं ग्रामीण पुरुष व महिलाएं। महिलाओं के टीकाकरण के नाम पर एवं टीकाकरण कार्ड बनवाने के नाम पर ₹500 लिए जा रहे हैं। पाली ब्लॉक की विभिन्न ग्राम सभाओं में समय से गर्भवती महिलाओं को टीका भी नहीं लगाया जाता है। भारत के प्रधानमंत्री की विशेष योजना जननी सुरक्षा योजना के नाम पर सामुदायिक₹1000 लिए जाते हैं। स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों का सबसे सटीक उत्तर देने का एक ही जवाब है कोविड-19 की व्यस्तता। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक सी पी मिश्रा खुद ही शराब पीकर के मरीजों को देखने बैठता है। यदि आप अधीक्षक महोदय से किसी मैटर पर बात करना चाहते हैं तो आपको पुलिस का धौंस दिखाकर अस्पताल से बाहर कर देंगे। और बड़े-बड़े नेताओं एवं सफेदपोश और पारिवारिक पृष्ठभूमि बताकर आपको अस्पताल के अंदर बेजत करेंगे इसके बाद आपको अस्पताल से बाहर कर देंगे। यह है मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर के दबंग अधीक्षक की दबंगई। अधीक्षक सी.पी मिश्र अपने घर में दर्जनों पत्रकारों  होने की धमकी देकर ग्रामीणों को अपमानित करते नजर आते हैं। खुद भी अधीक्षक अपने चेंबर में दवा लिखने के लिए प्राइवेट आदमी को नियुक्त किया है। डॉ सीपी मिश्र दवा बोलते हैं और उनका प्राइवेट असिस्टेंट सरकारी अस्पताल में बैठकर दवा लिखता है। वरिष्ठ नागरिक एवं समाजसेवियों के द्वारा विश्वस्त सूत्रों से पता चला की डॉ सीपी मिश्र प्रतिदिन जब तक ₹10000 कमीशन मिल नहीं जाता है तब तक वह अपने घर गोरखपुर नहीं जाते हैं। यह हाल है उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री महोदय का गृह जनपद गोरखपुर। जल्द ही स्टिंग ऑपरेशन की वीडियो एवं ऑडियो टेप का खुलासा किया जाएगा।


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अधिकार भी सुनिश्चित किया है जो कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान इस राज्य में वापस लौटकर आए हैं। फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ता ग्रामीणों के लिए अल्पकालीन गर्भनिरोधक विधियों के संबंध में परिवार नियोजन सेवाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए कठिन परिश्रम कर रहे हैं। वहीं आईएएस अधिकारी आलोक कुमार ने कहा कि हमें कोविड-19 की वजह से परिवार नियोजन के फायदों से वंचित नहीं होना चाहिए। बच्चों के जन्म में अंतर रखने की अस्थायी गर्भनिरोधक विधियों पर ध्यान देते हुए सभी प्रणालियों को फिर से सक्रिय करना है। इस वर्चुअल आयोजन को संबोधित करती हुई एनएचएम एमडी अपर्णा उपाध्याय ने बताया कि परिवार नियोजन को मिशन मोड पर लाने के बारे में समझाया। उन्होने बताया कि परिवार नियोजन को मिशन मोड पर लाने के बाद ऊपर से नीचे तक सब मिलकर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे। उन्होने बताया कि हमारी एमसीपीआर दर आदर्श रूप से 52% होनी चाहिए। यह लंबे समय से 31% ही है। हमें इसे मिशन मोड में बढ़ाना चाहिए। कुछ जिलों में यह दर ज्यादा है और कुछ जिलों में यह कम है। वहीं डॉ. राकेश दुबे, महानिदेशक, परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि कम उम्र के दंपतियों की शादी जल्दी हो जाती है और उन्हें परिवार नियोजन के बारे में ज्यादा नहीं मालूम होता है। इस वजह से सरकार इन कम उम्र के लोगों को समुदाय के अनुकूल विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा लक्षित कर रही है। बीएमजीएफ के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. देवेंद्र खंडैत ने कहा कि परिवार नियोजन विधि को समुदाय तक पहुंचाना अगला महत्वपूर्ण कदम है। परिवार नियोजन और बच्चों के जन्म में अंतर रखने की गर्भ निरोधक विधि को एक में शामिल करना राज्य की और हमारी साझा प्राथमिकता है। बीएमजीएफ के फेमिली प्लानिंग पॉलिसी की कंट्री लीड मेधा गांधी ने कहा मैं समुदाय के अनुकूल विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से कम उम्र के दंपतियों के लिए परिवार नियोजन में बच्चों के जन्म में अंतर रखने की गर्भनिरोधक विधि को प्राथमिकता देने में उत्तर प्रदेश में महान नेत़ृत्व को बधाई देती हूँ। पॉप कौंसिल के कंट्री डायरेक्टर डॉ. निरंजन सगुरती कहा कि आजकल जानकारी डिजिटल और सोशल मीडिया पर मिलती है पर लड़कों और लड़कियों के बीच में डिजिटल डिवाइड काफी बड़ा है। ममता एचआईएमसी के इग्ज़ेक्यटिव डायरेक्टर डॉ. सुनील मेहरा ने कहा कि फ्रंटलाइन 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