हरीश सिंह - क्राइम संवाददाता संत कबीर नगर *रक्षक ही बने भक्षक* #उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व को चूना लगा रहे वन विभाग के अधिकारी। उत्तर प्रदेश सरकार एक तरफ पर्यावरण को लेकर के लोगों को जागरूक कर रही है। हरे पेड़ काटने के लिए सख्त दिशानिर्देश है। लेकिन वन विभाग के परमिशन के बिना हरे पेड़ों की कटान कोई भी आम जनमानस में नहीं कर सकता है। जब तक उस पेड़ को वन विभाग के द्वारा काटने का परमिट नहीं बनाया जाता है। लेकिन जनपद संत कबीर नगर में हरे पेड़ों की कटान को लेकर वन विभाग के रेंजर एवं वन दरोगा और फॉरेस्ट गार्ड अवैध कटान करा कर के अपनी जेब भरने के लिए हरे पेड़ों की कटान को नजर अंदाज कर दे रहे हैं। खलीलाबाद रेंज के रेंजर संतोष कुमार पांडे को कई बार सूचना देने के बाद भी हरे पेड़ों की कटान पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। पिछले 1 महीने में खलीलाबाद रेंज के अंतर्गत लगभग 20 हरे पेड़ों की कटान हो चुकी है। और कितने कर चुके हैं उनकी जानकारी नहीं। वन विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई ना किया जाना वन विभाग के ऊपर संदेह पैदा करता है। आखिर क्यों वन विभाग इतना लाचार हैं। की पैसे लेकर इनकी कटान कराई जा रही है। खलीलाबाद के अंतर्गत आने वाले ग्राम सभाओं में कई बार लोगों ने प्रार्थना पत्र लेकर वन क्षेत्राधिकारी के दफ्तर के चक्कर लगाते रह जाते हैं। कार्रवाई के नाम पर आश्वासन देकर उनको घर भेज दिया जाता। आखिरकार कब तक चलता रहेगा हरे पेड़ों की कटान। वन विभाग के अधिकारी कब तक सोते रहेंगे। विभाग के उच्च अधिकारियों से जो संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि प्रभागीय वन अधिकारी संत कबीर नगर से बात करके सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है लेकिन खलीलाबाद रेंज के अंतर्गत 3-3 ग्राम सभाओं में हुई अवैध कटान की जानकारी जनपद के सभी वन अधिकारियों को है ले। लेकिन कार्रवाई अभी तक नहीं की गई। ना ही उन अवैध ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। ना ही अवैध तरीके से काट रहे पेड़ मालिकों के खिलाफ कोई जुर्माना लगाया गया। आखिर क्यों कब तक चलता रहेगा यह अवैध कारोबार का अवैध धंधा।(1)-पहला मामला ग्राम सभा रेरूआ का 15 दिन पहले का है। शीशम सागौन के 10 पेड़ कटे थे। अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। (2) दूसरा मामला ग्राम सभा सेमरी खलीलाबाद का है जहां पर दो हरे पेड़ महुआ की कटान हुई थी थी। अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। (3) तीसरा मामला आज ग्राम सभा चिट्ठा पार दो हरे पेड़ आम एवं महुआ की कटान हुई है। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जहां पर योगी सरकार दिन रात एक कर हरे पेड़ों को लगाने के लिए बढ़ावा दे रही है वहीं पर संत कबीर नगर के वन विभाग के द्वारा पेड़ों की कटान पर जोर दिया जा रहा है। जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है।