युवा समाजसेवी डॉ गुंजन यादव की आम जनमानस से अपील# stay home, Save Lives

* शारदा देवी मेमोरियल डिग्री कॉलेज रसूलपुर मगहर संत कबीर नगर*


                 *अपील*


सेवा में
*प्राचार्य / प्राचार्या/शिक्षक अभिभावक बन्धुओं/ छात्र -छात्राओं*
समस्त  महाविद्यालय एवं आम जनमानस



विषय - *कोरोना वायरस (कोविड - 19 ) के प्रसार को रोकने हेतु केन्द्र सरकार और उ०प्र०सरकार के निर्देशों के पालन करने के सम्बन्ध में* ।


महोदय/महोदया,
                   कोरोना वायरस महामारी का रूप लेता जा रहा है । सम्पूर्ण विश्व, मानव जाति के इस शत्रु से संत्रस्त है , विश्व के वे सभी देश जिन्हें हम विकसित और स्वास्थ्य सुविधाओं में शीर्ष पर मानते है आज इस वायरस के सामने घुटने टेक दिए हैं , लोग मर रहे है और सरकार बेबस है ।
    अपने देश में भी इस वायरस का प्रसार तेजी से शुरू हो गया है । भारतीय रेलवे द्वारा सभी ट्रेनों के संचालन को रोक देना , हवाई सेवा बन्द होना, कई राज्यों में कर्फ्यू आदि सरकारी प्रयास इसकी भयावहता को समझाने के लिये पर्याप्त है । 
        साथियों ,कोविड - 19 के प्रसार की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु *सोशल डिस्टेन्सिग और Self Isolation* ही प्रभावी उपाय हैं ।
*आप हमारे लिये महत्वपूर्ण है ,हमारे लिये आपसे मिलना नही अपितु आपका रहना जरुरी है* । 
           अतः आपसे अनुरोध है कि इस संकट को समझे  और इससे बचने के उपायों यथा - *Self Isolation,Home Quarantine, हाथों को बार-बार हैंड वाश या सेनेटाइजर से धोना,चेहरे,नाक,मुह,आंख को न छूना,सामाजिक दूरी बनाये रखना* तथा *भारत सरकार/राज्य सरकार/चिकित्सक* द्वारा *जारी एडवायजरी* का  *शत-प्रतिशत पालन करे*।  
             आपकी थोड़ी सी शिथिलता या लापरवाही की बहुत बड़ी कीमत आपके परिवार को, समाज को, राष्ट्र को और हम सबको  चुकानी पड़ सकती है।
        आप सभी प्रबुद्ध जन हैं स्थिति की गंभीरता को देखते हुये *लॉक डाउन/कर्फ्यू* का कडाई से पालन करे । *अफवाह न फैलाये* , *अपने आत्मबल को मजबूत बनाये* , *हताशा और निराशा का वातावरण न बनने दे* , *अनायास घरों से बिल्कुल न निकलें* और समाज के अन्य लोगों को भी सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूक करके इस वैश्विक लाईलाज बीमारी को अपने देश मे महामारी बनने से रोकने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर अपने राष्ट्रीय कर्तव्यों का पालन करे । 
*हारेगा करोना ,जीतेगे हम*
*Stay Home , Save Lives*
     🙏सादर🙏


                प्रबंधक 
       डॉ गुंजन यादव


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अधिकार भी सुनिश्चित किया है जो कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान इस राज्य में वापस लौटकर आए हैं। फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ता ग्रामीणों के लिए अल्पकालीन गर्भनिरोधक विधियों के संबंध में परिवार नियोजन सेवाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए कठिन परिश्रम कर रहे हैं। वहीं आईएएस अधिकारी आलोक कुमार ने कहा कि हमें कोविड-19 की वजह से परिवार नियोजन के फायदों से वंचित नहीं होना चाहिए। बच्चों के जन्म में अंतर रखने की अस्थायी गर्भनिरोधक विधियों पर ध्यान देते हुए सभी प्रणालियों को फिर से सक्रिय करना है। इस वर्चुअल आयोजन को संबोधित करती हुई एनएचएम एमडी अपर्णा उपाध्याय ने बताया कि परिवार नियोजन को मिशन मोड पर लाने के बारे में समझाया। उन्होने बताया कि परिवार नियोजन को मिशन मोड पर लाने के बाद ऊपर से नीचे तक सब मिलकर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे। उन्होने बताया कि हमारी एमसीपीआर दर आदर्श रूप से 52% होनी चाहिए। यह लंबे समय से 31% ही है। हमें इसे मिशन मोड में बढ़ाना चाहिए। कुछ जिलों में यह दर ज्यादा है और कुछ जिलों में यह कम है। वहीं डॉ. राकेश दुबे, महानिदेशक, परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि कम उम्र के दंपतियों की शादी जल्दी हो जाती है और उन्हें परिवार नियोजन के बारे में ज्यादा नहीं मालूम होता है। इस वजह से सरकार इन कम उम्र के लोगों को समुदाय के अनुकूल विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा लक्षित कर रही है। बीएमजीएफ के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. देवेंद्र खंडैत ने कहा कि परिवार नियोजन विधि को समुदाय तक पहुंचाना अगला महत्वपूर्ण कदम है। परिवार नियोजन और बच्चों के जन्म में अंतर रखने की गर्भ निरोधक विधि को एक में शामिल करना राज्य की और हमारी साझा प्राथमिकता है। बीएमजीएफ के फेमिली प्लानिंग पॉलिसी की कंट्री लीड मेधा गांधी ने कहा मैं समुदाय के अनुकूल विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से कम उम्र के दंपतियों के लिए परिवार नियोजन में बच्चों के जन्म में अंतर रखने की गर्भनिरोधक विधि को प्राथमिकता देने में उत्तर प्रदेश में महान नेत़ृत्व को बधाई देती हूँ। पॉप कौंसिल के कंट्री डायरेक्टर डॉ. निरंजन सगुरती कहा कि आजकल जानकारी डिजिटल और सोशल मीडिया पर मिलती है पर लड़कों और लड़कियों के बीच में डिजिटल डिवाइड काफी बड़ा है। ममता एचआईएमसी के इग्ज़ेक्यटिव डायरेक्टर डॉ. सुनील मेहरा ने कहा कि फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को कम उम्र के और कम बच्चों वाले दंपतियों तक पहुँचने का अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत है। इस वर्चुअल कार्यशाला का समापन परिवार नियोजन पर जागरूकता उत्पन्न करने और इसे उपलब्ध कराने, कोविड-19 के बीच में कम उम्र के और कम बच्चे वाले दंपतियों (YLPS) में बच्चों के जन्म में अंतर रखने की गर्भनिरोधक विधियों पर फोकस करने, कम उम्र के और कम बच्चे वाले दंपतियों (YLPS) के लिए परिवार नियोजन सेवाओं के प्रति सरकार की वचनबद्धता को सुदृढ़ करने और बच्चों के जन्म में अंतर रखने वाली गर्भनिरोधक विधियों का कवरेज करने वाले सूचकों को विकसित करते हुए गुणवत्ता नियंत्रण कार्यप्रणाली को बढ़ाने पर फोकस करने और इसके लिए बजटीय प्रावधान करने का आश्वासन देते हुए किया गया। इस वर्चुअल आयोजन के लिए सभी ने यूपीटीएसयू, सीफार और पीएसआई संस्था को धन्यवाद दिया। *कोविड-19 काल : परिवार नियोजन विधि को प्राथमिकता देना* एक आकलन के अनुसार, उत्तर प्रदेश में चार महिलाओं और लड़कियों में से लगभग एक महिला या लड़की को बच्चे के जन्म में अंतर रखने की विधि की अपूर्ण आवश्यकता है। कम उम्र के और कम बच्चे वाले दंपतियों (YLPS) की आधुनिक 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रखने की गर्भनिरोधक विधि संबंधी मुद्दों पर प्रकाश डाला। *इन मुद्दों पर हुई चर्चा* • परिवार नियोजन, बच्चों के जन्म में अंतर रखने की गर्भनिरोधक विधियों और नई गर्भनिरोधक विधियों पर जोर देना • प्रदान की जा रही परिवार नियोजन सेवाओं की गुणवत्ता को परिलक्षित करने के लिए मॉनीटरिंग और समीक्षा कार्यप्रणाली • कम उम्र के और कम बच्चे वाले दंपतियों (YLPS) के लिए परिवार नियोजन सेवाओं के बजटीय आवंटन पर फोकस करना
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