गोरखपुर मंडलायुक्त एवं डीआईजी ने लॉकडाउन में जनपद देवरिया का जायजा लिया# दीया सख्त निर्देश

जिला संवाददाता पुष्कर मणि त्रिपाठी की रिपोर्ट# देवरिया| मंडलायुक्त गोरखपुर जयंत नार्लिकर आज डीआईजी राजेश मोदक के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की तैयारियों तथा लॉकडाउन के पालन के जायजा के लिए जनपद में पहुंचे| इस दौरान स्थानीय डाक बंगले के परिसर में अधिकारियों के साथ  बैठक में आवश्यक निर्देश दिए|


      मंडलायुक्त श्री नार्लिकर ने जन सुविधाओं के दृष्टिगत आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए| उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि जनपद में छोटे-बड़े सभी प्राइवेट हॉस्पिटलों के डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की सूची तैयार रखने तथा उसमें उपलब्ध सुविधाओं यथा- वेंटिलेटर, दवाओ, एंबुलेंस की उपलब्धता को अद्यतन रखने का भी निर्देश दिया| उन्होंने स्वास्थ विभाग के सेवानिवृत्त चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की सूची रखने को कहा ताकि आवश्यकता पडने पर उनकी सेवाएं ली जा सके| उन्होंने साफ सफाई, हाइड्रोक्लोराइड,ब्लीचिंग पाउडर, सेनीटाइजर आदि का नियमित उपयोग के साथ साफ-सफाई  अपनाये जाने पर बल दिया| उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंस का पूर्णत: पालन किया जाए,जिससे कि इस बीमारी के वायरस का फैलाव न हो सके| उन्होंने राशन की दुकानों पर पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाने के पूर्व उपभोक्ताओं को सेटेनाइजर का प्रयोग कराए जाने को कहा| 
        डीआईजी राजेश मोदक ने लॉकडाउन का पूर्णत: पालन कराने का निर्देश पुलिस विभाग को देते हुए कहा कि पुलिस लाइन में हाइड्रोक्लोराइड आदि का छिड़काव सुनिश्चित कराया जाए| पुलिस अधीक्षक डा0 श्रीपति मिश्र ने बताया कि छिड़काव कराया जाता है| 
       जिलाधिकारी अमित किशोर ने जनमानस से अपील करते हुए कहा कि लॉकडाउन की स्थिति में  अपने आस-पास के निराश्रित पशुओं कुत्ते व गायों को आहार रोटी आदि अवश्य ही उपलब्ध करें,ताकि इस दौरान वे किसी दिक्कत में न पड़े| इस कार्य को उन्होंने पुनीत कार्य समझते हुए सभी से किये जाने की अपेक्षा की|  उन्होंने लॉकडाउन तथा खाद्य, रसद आदि की जानकारी से मंडलायुक्त को अवगत कराया
       इसके उपरांत अधिकारी द्वय ने शहर में भ्रमण कर लॉकडाउन स्थिति का निरीक्षण किया|
       बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शिव शरणप्पा जीएन, एडीए। प्रशासन  राकेश कुमार पटेल, एडी       एम एफ आर उमेश कुमार मंगला, अपर पुलिस अधीक्षक शीष्यपाल  सिंह,सी एम ओ  आलोक पांडेय, एस डी एम  सदर दिनेश कुमार मिश्र, क्षेत्राधिकारी सदर निष्ठा  उपाध्याय, , संजय चंद्र, राजेंद्र प्रसाद, जिला आबकारी अधिकारी उपस्थित रहे|


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अधिकार भी सुनिश्चित किया है जो कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान इस राज्य में वापस लौटकर आए हैं। फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ता ग्रामीणों के लिए अल्पकालीन गर्भनिरोधक विधियों के संबंध में परिवार नियोजन सेवाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए कठिन परिश्रम कर रहे हैं। वहीं आईएएस अधिकारी आलोक कुमार ने कहा कि हमें कोविड-19 की वजह से परिवार नियोजन के फायदों से वंचित नहीं होना चाहिए। बच्चों के जन्म में अंतर रखने की अस्थायी गर्भनिरोधक विधियों पर ध्यान देते हुए सभी प्रणालियों को फिर से सक्रिय करना है। इस वर्चुअल आयोजन को संबोधित करती हुई एनएचएम एमडी अपर्णा उपाध्याय ने बताया कि परिवार नियोजन को मिशन मोड पर लाने के बारे में समझाया। उन्होने बताया कि परिवार नियोजन को मिशन मोड पर लाने के बाद ऊपर से नीचे तक सब मिलकर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे। उन्होने बताया कि हमारी एमसीपीआर दर आदर्श रूप से 52% होनी चाहिए। यह लंबे समय से 31% ही है। हमें इसे मिशन मोड में बढ़ाना चाहिए। कुछ जिलों में यह दर ज्यादा है और कुछ जिलों में यह कम है। वहीं डॉ. राकेश दुबे, महानिदेशक, परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश सरकार ने 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रखने की गर्भनिरोधक विधि संबंधी मुद्दों पर प्रकाश डाला। *इन मुद्दों पर हुई चर्चा* • परिवार नियोजन, बच्चों के जन्म में अंतर रखने की गर्भनिरोधक विधियों और नई गर्भनिरोधक विधियों पर जोर देना • प्रदान की जा रही परिवार नियोजन सेवाओं की गुणवत्ता को परिलक्षित करने के लिए मॉनीटरिंग और समीक्षा कार्यप्रणाली • कम उम्र के और कम बच्चे वाले दंपतियों (YLPS) के लिए परिवार नियोजन सेवाओं के बजटीय आवंटन पर फोकस करना
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